August 27, 2008

Zindagi

I thought of typing some of my old poems .. so here's one!!!!

छोटी सी ज़िन्दगी पर ख्वाब बहुत हैं!
सोचा तो नहीं पर पूरे करने हैं!
छोटे-छोटे पल कितनी खुशियाँ दे जाते हैं,
यूँही ज़िन्दगी बीत जाए इन पलों को संजोते हुए!
खुशियों की बौछार कभी एक संग तो कभी बूँद बूँद कर आती है,
सभी को बटोर लो, कहीं किसी बड़ी उम्मीद के साथ ये छोटी छोटी बूँदें यूँ बह न जाएँ!

कभी यूँही जब आँखें भर आती हैं तो उन पलों का एहसास और गहरा हो जाता है
उनका महत्व उतना ही बढ़ जाता है!
दिल भर आता है लैब खामोश आँखें नम ,इतना कुछ कहकर भी कुछ नहीं कहते!
यही ज़िन्दगी है!

किसी को खोने का गम तो पाने की ख़ुशी,
हारने का दर्द तो जीतने का एहसास!
मिलने की इच्छा तो बिछुड़ने का दुःख,
ये छोटे छोटे पल ज़िन्दगी को कितना हसीं बना देते हैं!

कभी सोचा है की फूल क्यूँ खिलते हैं, क्यूँ मुरझाते हैं,
कुछ न कहते हुए भी क्या क्या कह जाते हैं!

चिडियां क्यूँ चेह्क्ति हैं , क्यूँ हवाएं चलती हैं,
क्यूँ आसमान नीला है, क्यूँ धरती गोल है??

सच ज़िन्दगी तुम्हारे लिए ही तो है
आज है कल नहीं..

बस जो पल है .. उसी में जी लो !!

2 comments:

  1. Seriously good one. Truth in every word.

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  2. good poem..poetess...baki sab poems ko bhi jaldi post karna ...

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